जाति जनगणना जनता के संघर्ष की जीत है, बीजेपी की नहीं: एसडीपीआई
डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया मोदी सरकार द्वारा 2025 की जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के आज किए गए निर्णय का जनता के निरंतर संघर्ष की जीत मानती है, न कि बीजेपी की उपलब्धि। एसडीपीआई का कहना है कि यह फैसला जनता के लंबे संघर्ष और विपक्षी दलों की मांग का नतीजा है, जिसमें एसडीपीआई ने लगातार सड़क पर उतरकर आंदोलन किया।
एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव इलियास मुहम्मद थुम्बे ने कहा कि बीजेपी ने शुरू से इस मांग का विरोध किया था और अब अचानक यू-टर्न लेना सिर्फ राजनीतिक चाल है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घोषणा जानबूझकर ऐसे समय की गई है जब आज रात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ‘बत्ती गुल’ वक्फ आंदोलन कर रहा है। इसके पीछे मकसद बिहार चुनाव में मुश्किलें, पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक और वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलनों से ध्यान भटकाना है।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने मांग की है कि यह जाति आधारित जनगणना पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए, ताकि सच में पिछड़े और वंचित समाजों को लाभ मिल सके, न कि इसे बीजेपी की राजनीतिक चालबाजी के लिए इस्तेमाल किया जाए।
इलियास मुहम्मद थुम्बे
राष्ट्रीय महासचिव
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया

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