एसडीपीआई, गाज़ा में UNRWA पर प्रतिबंध का समर्थन करने पर अमेरिका की कड़ी निंदा करती है

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 30 अप्रैल को अमेरिका द्वारा इज़राइल के पक्ष में दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। अमेरिका ने कहा कि इज़राइल को UNRWA (संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी) के साथ सहयोग करने की कोई बाध्यता नहीं है। एसडीपीआई का कहना है कि इस बयान से अमेरिका ने गाज़ा में 60 दिनों से जारी प्रतिबंध को जायज़ ठहराया है, जिसके कारण वहाँ भीषण मानवीय संकट पैदा हो गया है।

गाज़ा में भुखमरी की स्थिति बन चुकी है और करीब 3,000 राहत ट्रक सीमा पर फंसे हुए हैं। एसडीपीआई ने कहा कि यह रुख चौथे जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है, जो संघर्ष क्षेत्रों में बिना रुकावट मानवीय सहायता पहुंचाने की बात करता है। UNRWA फिलहाल 59 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों को राहत और शिक्षा जैसी जरूरी सेवाएं दे रहा है, और उसे हटाना व्यावहारिक नहीं है।

अमेरिका ने UNRWA पर हमास से संबंध होने के जो आरोप लगाए हैं, उनके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है। एसडीपीआई का कहना है कि ऐसे आरोप अंतरराष्ट्रीय कानून की गरिमा को कमजोर करते हैं और इज़राइल को ज़रूरी राहत सामग्री रोकने के लिए प्रेरित करते हैं।

UNRWA की जगह किसी और संस्था को इस काम की ज़िम्मेदारी देना मुमकिन नहीं है, क्योंकि उसके पास ज़मीनी ढांचा और अनुभव है जो गाज़ा में 12 लाख से ज़्यादा लोगों की ज़रूरतें पूरी करता है। अमेरिका का रवैया सिर्फ फिलिस्तीनी जनता की तकलीफें ही नहीं बढ़ा रहा, बल्कि यह वैश्विक मानवीय संस्थाओं की साख को भी नुकसान पहुंचा रहा है।”

पार्टी ने अमेरिका से अपील की है कि वह अपना रुख बदले, इज़राइल पर प्रतिबंध हटाने का दबाव बनाए और UNRWA के कार्य को समर्थन दे। एसडीपीआई ने फिलिस्तीनी जनता के साथ एकजुटता जताते हुए गाज़ा में तुरंत और बिना शर्त मानवीय सहायता की मांग की है।

मोहम्मद शफी,
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया