नीट में बाध्यता का फैसला वापस लें सरकार- एसडीपीआई
कोटा 01 फरवरी 2017 सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद रिजवान खान ने कहा कि सरकार के द्वारा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) का एग्जाम तीन बार व उम्र सीमा की बाध्यता के नए नोटिफिकेशन से हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर है ओर उनका डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाएगा, एसडीपीआई सरकार के इस फैसले की कडे शब्दों में निंदा करती है और सरकार से फैसला वापस लेने की मांग करती है यदि सरकार द्वारा फैसला वापस नहीं लिया गया तो एसडीपीआई प्रदेशभर में छात्रों को साथ लेकर आंदोलन करेगी।
मो. रिजवान खान ने कहा कि आज देश की आधी से ज्यादा आबादी युवा वर्ग की है। सरकार एक ओर तो युवाओं को देश का भविष्य बताती है वहीं दुसरी ओर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड करते हुए उनके सपनों को रोंदने का काम कर रही है वर्तमान में हजारों विद्यार्थी ऐसे है जो नीट एग्जाम चौथी बार देने जा रहे थे ऐसे में अब वह एग्जाम नहीं दे पाऐंगें। उम्र सीमा की बाध्यता 17 से 25 वर्ष के बीच करने का सरकार का कोई औचित्य नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा कि यह एग्जाम सिर्फ एलिजिबिलिटी एग्जाम है जो कि मेडिकल में सिर्फ प्रवेश का माध्यम है उसमें सरकार द्वारा एग्जाम देने व उम्र सीमा का निर्धारण का निर्णय छात्र विरोधी है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में यदि किसी छात्र द्वारा मानसिक अवसाद में आकर आत्महत्या की जाती है तो सीधे तौर पर उसकी जिम्मेदार केन्द्र सरकार होगी।
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