एसडीपीआई ने विरोध प्रदर्शन कर केन्द्रीय उद्योग मंत्री का पुतला जलाया
11 मार्च 2016, कोटा सोशल डेमोक्रटिक पार्टी आॅॅफ इडिया की कोटा इकाई की और से आई.एल. गेट के सामने आई. एल. को बन्द करने के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर केन्द्रीय उद्योग मंत्री का पुतला जलाया और मांग कि की यदि आई.एल को नहीं चलाया गया तो कोटा की जनता उग्र आन्दोलन करेगी। केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार द्वारा आई.एल को चलाने से मना करना एक राजनीतिक रणनीति के तहत किया जा रहा है केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार कोटा की जनता के साथ कुठाराघात कर रही है स्थानीय सांसद और विधायकों द्वारा कोटा की जनता के साथ छलावा किया जा रहा है।
SDPI के प्रदेश महासचिव अशफाक हुसैन ने बताया कि देश में आई.एल से कई गुना ज्यादा घाटे में सरकारी सेक्टर की 28 कम्पनियां चल रही है लेकिन सिर्फ एक कोटा शहर की आई.एल को बन्द करना सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार की एक रणनीति के तहत किया जा रहा है एक और तो देश के प्रधानमंत्री स्टार्ट अप इण्डिया और मेक इन इण्डिया के नाम पर उद्योगों को बढावा देकर विकास के नाम पर युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे है वहीं आई.एल को बन्द करके प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को बेरोजगार करने पर आमादा है। भाजपा सरकार अपनी दोहरी नीति के तहत चुनाव पूर्व लुभावने वादों, सुशासन और विकास की बाते करती है लेकिन जमीनी तौर पर सिर्फ और सिर्फ अपने एजेण्डे पर काम करती है।
कोटा जिलाध्यक्ष जफर चिश्ती ने कहा कि कोटा में लगातर बन्द होते उद्योग सरकारों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नाकामी है। कोटा राजस्थान का कानपुर और औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता था लेकिन एक के बाद कई बडी फैक्ट्रियों सहित लगभग 250 उद्योग धीरे धीरे बन्द हो गए जो कही ना कही सरकारों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नाकामी है। पिछले कांग्रेस के शासन काल में स्थानीय दिग्गज जनप्रतिनिधि के होते हुए भी सेमटेल बन्द हो गई जिससे हजारों लोगों की रोजी रोटी पर बन आई और कई सैकडों लोग बेरोजगार हो गए साथ ही सेमटेल जो कि शहर में होने की वजह से कई भूमाफियाओं जो कि राजनीतिक दलों से जुडे हुए थे उनकी उस पर नजर थी।
इसी तरह वर्तमान भाजपा सरकार के शासन में अब आई.एल बन्द होने की कगार पर है जिससे की हजारों लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुडे हुए है लेकिन स्थानीय भाजपा जनप्रतिनिधियांे की अनदेखी और चुप्पी साधना और राज्य की भाजपा सरकार द्धारा उक्त विषय पर गंभीर नहीं होना कहीं ना कही कोटा की उपेक्षा करना है जो कि शहर के विकास व इस उपक्रम से जुडे लोगों के लिए घातक है। केन्द्र सरकार को भी इस अत्यंत महत्वपूर्ण उद्योग को सुचारू करने के लिए पुनः गंभीरता से योजना बनाकर इसके पक्ष में निर्णय लेना चाहिए।
इस मौके पर कोटा जिला महासचिव नावेद अख्तर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आले मोहम्मद, जिला सचिव जावेद हुसैन, राजा वारसी, जिला उपाध्यक्ष इमरान बाबा, जिला सदस्य आशिक पठान, डाॅ साजिद हुसैन सहित सैकडों कार्यकर्ता मौजुद थे।
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