मस्जिद की जमीन पर मंदिर बनाना संवैधानिक मूल्यों पर हमला – एसडीपीआई
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया – एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फ़ैज़ी ने कहा कि बाबरी मस्जिद को बलपूर्वक तोड़कर उसकी जमीन पर राम मंदिर का निर्माण करना अनैतिक है, गैरकानूनी है और भारत के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को सीधी चुनौती है।
बाबरी मस्जिद आर एस एस के लिए लंबे समय से एक राजनीतिक हथियार रहा है और राम मंदिर के नाम पर धार्मिक भावनाओं को भड़का कर भाजपा केंद्र में सत्ता पर काबिज हुई थी। प्रचंड बहुमत के साथ अपने दूसरे कार्यकाल में शासन कर रही भाजपा ने सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष तंत्रों का भगवाकरण कर दिया है ताकि मस्जिद की जमीन पर मंदिर बनाने के मंसूबों का कोई विरोध न हो सके।
बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आखिरी निर्णय को सभी विधि विशेषज्ञों और निष्पक्ष विश्लेषकों ने अन्याय पूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया था। फैसले में सूचीबद्ध तथ्यों के खिलाफ जाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद की जमीन को मंदिर निर्माण के लिए सौंप दिया। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अति उत्साह में आज बढ़-चढ़कर भाजपा की होड़ कर रही कांग्रेस पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अन्यायपूर्ण करार देते हुए निंदा की थी।
याद रहे कि उस वक्त केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी ने आर एस एस के एजेंडे को लागू करने के लिए 1949 में मस्जिद के अंदर राम की मूर्तियां रखने से लेकर 1992 में मस्जिद तोड़ने तक श्रृंखलाबद्ध तरीके से उनकी मदद की थी। 5 अगस्त को अयोध्या में होने जा रहे भूमि पूजन में ना बुलाए जाने से कई कांग्रेसी नेता अब नाराज हैं। कई नेता यह तक कह रहे हैं कि राम मंदिर का निर्माण सभी भारतीयों की मर्जी से हो रहा है। कांग्रेस नेता अब तक यह सबक नहीं ले पाए कि चुनावों में लगातार हो रही उनकी करारी हार उनके छद्म हिंदुत्व का ही नतीजा है। कांग्रेस अब भी भाजपा को हिंदुत्व के एजेंडे में पछाड़कर सत्ता में वापसी का ख़्वाब देख रही है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे। मोदी शायद इस बात को भूल रहे हैं कि वह विविधता से भरी 130 करोड़ जनता वाले एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री के रूप में उनका इस समारोह में शामिल होना बेहद अनैतिक, प्रधानमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन और असंवैधानिक कदम है।
एमके फैजी ने सभी धर्मनिरपेक्ष लोगों और राजनीतिक दलों से आह्वान किया कि भाजपा सरकार के इस उग्र और भड़काऊ कदम का विरोध करें और बाबरी मस्जिद मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय की वाजिब चिंताओं के समर्थन में डट कर खड़े हो।
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