उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा की स्वतंत्र जांच करके असली गुनहगारों की हो पहचान – एसडीपीआई

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद शफी ने प्रशासन से फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सुनियोजित हिंसा की स्वतंत्र और गहन जांच करने की मांग की है ताकि असली गुनहगारों का पर्दाफाश किया जा सके।दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में एक व्हाट्सएप ग्रुप की बातचीत सामने आई है जिसमें उपद्रवी मुसलमानों को मारने के लिए हथियार और असलहे का प्रबंध कर रहे थे और बता रहे थे कैसे उन्होंने मुसलमानों को मारकर नाले में फेंक दिया.भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण के बाद दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी. भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री और एक महिला नेता समेत कई अन्य नेताओं ने हिंसा से पहले और हिंसा के दौरान मुसलमानों के खिलाफ नफरत की आग भड़काने का काम किया।केंद्र सरकार असल दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की बजाए आंख बंद करके मुसलमानों की गिरफ्तारी कर रही है जो कि इस हिंसा के असल पीड़ित हैं। एक तरफ सरकार सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं और मुस्लिम छात्रों पर दंगों की योजना बनाने का आरोप लगाकर उन पर यूएपीए जैसे काले कानून थोप रही है जबकि असल गुनहगारों को उच्च श्रेणी की निजी सुरक्षा दी जा रही है।मोहम्मद शफी ने मांग करते हुए कहा कि दिल्ली में अंजाम दिए गए मुस्लिम नरसंहार को योजनाबद्ध तरीके से भड़काने के सटीक प्रमाणों के आधार पर असली दोषियों को गिरफ्तार कर उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए और सीएए विरोधी कार्यकर्ता और मुस्लिम छात्रों पर दंगों की योजना बनाने के मनगढ़ंत मामलों को वापस लिया जाए।