ममदानी की जीत बदलती राजनीति का स्पष्ट संकेत

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में ज़ोहरान क्वामे ममदानी की ऐतिहासिक जीत कई कारणों से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है। वे इस पद पर चुने जाने वाले पहले मुस्लिम, और भारतीय एवं दक्षिण एशियाई मूल के पहले व्यक्ति हैं। उनका जन्म अफ्रीका में हुआ था और बचपन में वे परिवार के साथ अमेरिका आए थे।

एक युवा नेता के रूप में, ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी और अमेरिका की राजनीति में जमी-जमाई व्यवस्था और ताकतवर हितों को खुली चुनौती दी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन द्वारा लागू की जा रही दक्षिणपंथी नीतियों के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई। उन्होंने दुनिया के सबसे अमीर और सबसे घनी आबादी वाले शहर में रहने वाले आम लोगों के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की, जहाँ अपार धन के बावजूद अधिकांश लोग कठिन जीवन जीते हैं।

ममदानी ने सस्ती आवास सुविधा, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, मुफ्त सार्वजनिक परिवहन और आम जनता से जुड़े अन्य प्रमुख मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया। उनकी सादगी, आम लोगों से जुड़ाव और ज़मीनी राजनीति ने उन्हें जनता के दिलों के और करीब कर दिया। वे उन नेताओं से अलग थे, जो अत्यधिक अमीर थे। वे केवल सार्वजनिक परिवहन सुधार की बात नहीं करते, बल्कि खुद शहर की बसों में सफर भी करते हैं।

दूसरी तरफ, रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी का एक बड़ा नेतृत्व अब तक बड़े कॉरपोरेट, अमीर वर्ग और शक्तिशाली हित समूहों का पक्षधर रहा है। न्यूयॉर्क की मशहूर वॉल स्ट्रीट न केवल शहर, बल्कि दुनिया की आर्थिक ताकतों को भी नियंत्रित करती है। इन्हीं शक्तियों ने ममदानी को हराने के लिए हर संभव कोशिश की। उन्हें “इस्लामिक आतंकी” और “कम्युनिस्ट” कहकर बदनाम किया गया। उनके खिलाफ 15 लाख से अधिक नकारात्मक प्रचार वीडियो जारी किए गए। राष्ट्रपति ट्रंप ने तो यह तक धमकी दे दी कि वे ममदानी को उनके जन्मस्थान युगांडा वापस भेज देंगे, जबकि वे अब अमेरिकी नागरिक हैं।

लेकिन न्यूयॉर्क की जनता ने इन धमकियों और झूठे प्रचार को पूरी तरह नकार दिया। ममदानी ने 50% से अधिक मत पाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जो हाल के दशकों में सबसे बड़ी चुनावी जीतों में से एक है। मतदान में जनता की भागीदारी भी पिछले 50 वर्षों में सबसे अधिक रही, जो यह दिखाती है कि लोग अब नफरत और विभाजन की राजनीति को समझ चुके हैं और इसके खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने के लिए तैयार हैं।

ममदानी ने स्पष्ट किया है कि शहर के अमीर और बड़े कॉरपोरेट्स को अब अधिक टैक्स देना होगा। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई, और वंचित वर्गों के लोगों को प्रशासन में महत्वपूर्ण पद देने का वादा किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि महिलाओं को भी बड़ी संख्या में नेतृत्व भूमिकाएँ दी जाएंगी।

एक घोषित लोकतांत्रिक समाजवादी नेता के रूप में, ममदानी की नीतियाँ समानता और गरीब वर्ग के उत्थान पर आधारित होंगी। न्यूयॉर्क और अमेरिका अब तक अमीर-समर्थक नीतियों के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन पहली बार वहाँ एक बिल्कुल अलग राजनीतिक मॉडल लागू होने जा रहा है। दुनिया की नज़र अब ममदानी और उनकी सरकार पर रहेगी।

यह जीत केवल एक चुनावी परिणाम नहीं है—यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वैश्विक राजनीति में बदलाव की हवा चल चुकी है और आम जनता अपने अधिकारों के लिए खुलकर सामने आ रही है। ममदानी की सफलता यह भी बताती है कि जो दक्षिणपंथी ताकतें आज सत्ता में हैं, उनके पतन की शुरुआत हो चुकी है और आने वाले समय में उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

मोहम्मद शफी
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया