मुस्लिम संस्थाओं को निशाना बनाकर यूपी सरकार की तोड़फोड़ अभियान पर एसडीपीआई का सशक्त प्रतिरोध

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस कार्रवाई की सख्त निंदा की है, जिसमें इंडो-नेपाल बॉर्डर के आस-पास के जिलों, जैसे श्रावस्ती (110 मदरसे), सिद्धार्थनगर (9 मस्जिदें) और महाराजगंज (29 मदरसे) कुलमिलाकर 225 से ज्यादा मदरसों, 30 मस्जिदों, 25 मजारों और 6 ईदगाहों को गिरा दिया गया है। यह कार्रवाई “अवैध कब्जा हटाने” और “सुरक्षा बढ़ाने” के नाम पर की गई है, लेकिन असल में यह मुस्लिम धार्मिक और शैक्षिक संस्थाओं को निशाना बनाकर की जा रही है, जो साफ तौर पर पक्षपातपूर्ण और साम्प्रदायिक मानसिकता को दिखाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में अपनाई जा रही इस “बुलडोजर नीति” से संविधान के अनुच्छेद 25 और 30 का उल्लंघन हो रहा है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षिक संस्थान चलाने का अधिकार देता है। कई मामलों में बिना पूर्व सूचना के तोड़फोड़ की गई, जिससे छात्र और परिवार अचानक बेघर हो गए और उन्हें अपनी बात रखने का कोई अवसर नहीं मिला।

यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है, जिससे यह संदेह और भी बढ़ता है कि यह सब जानबूझकर किया गया है ताकि समुदायों के बीच तनाव पैदा हो और राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। इससे देश की साझी सांस्कृतिक विरासत और बहुलतावादी सोच को गहरी चोट पहुंची है।

एसडीपीआई की मांगें हैं, इन तोड़फोड़ की घटनाओं को तुरंत रोका जाए, न्यायिक जांच के जरिए यह सुनिश्चित किया जाए कि कानून का पालन हुआ या नहीं, प्रभावित लोगों को पुनर्वास और मुआवजा दिया जाए, मुस्लिम नेताओं से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना और सुलझाया जाए। हम इस अन्याय के पीड़ितों के साथ खड़े हैं और सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों से अपील करते हैं कि वे मिलकर संविधान की रक्षा करें और इस तरह की राज्य प्रायोजित भेदभावपूर्ण नीतियों का विरोध करें।

इल्यास मुहम्मद थुम्बे
राष्ट्रीय महासचिव
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया