भारत को एक वैकल्पिक राजनीतिक दल की जरूरत जो देशहित में सकारात्मक और रचनात्मक बदलाव लाने के लिए जनता की आवाज़ बन सके।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया – एस.डी.पी.आई. के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.के. फैज़ी ने 21 जून को पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर जारी संदेश में पार्टी के 14 वर्ष पूरे होने पर सभी को बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इन वर्षों के दौरान सामाजिक लोकतंत्र को प्राप्त करने के लिए सटीक उद्देश्य और दृढ़ संकल्प के साथ हमारा संघर्ष हमें सावधानी से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।

वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में केंद्र सरकार की गलत और त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण आम जनता के लिए असुरक्षा और गंभीर आर्थिक कठिनाइयां पैदा हो गयी है और लोकतंत्र टूटने के कगार पर जा पहुंचा है। गलत नीतियों का विरोध करने वालों को जेल, राजनीतिक-सामाजिक विरोधियों के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग, लिंचिंग की बेख़ौफ़ घटनाएं, सार्वजनिक उपक्रमों और संपत्तियों की बिक्री, घृणास्पद भड़काऊ भाषण, दमनकारी काले कानून, सशस्त्र बलों का अत्यधिक उपयोग आदि घटनाओं ने लोगों के जीवन और देश के समग्र विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर देश को संकट में डाल दिया है। हमारे देश का शासन लोकतंत्र से तानाशाही में तब्दील हो गया है। ये बेहद चिंतनीय है कि ऐसे गंभीर हालातों में भी विपक्षी पार्टियां इस तरह खामोश है मानो वे लोकतंत्र में अपनी अहम् भूमिका ही भूल गई हों.

ऐसे में, एस.डी.पी.आई. ने हमारे देश को ‘भूख से आज़ादी और भय से आज़ादी’ की ओर अग्रसर करने के लिए सभी बाधाओं और चुनौतियों के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष का कठिन रास्ता अपनाया है। हालाँकि, हम जानते थे कि सत्ता में भागीदारी के लक्ष्य तक पहुँचना एक कठिन कार्य है, फिर भी चुनावी राजनीति में सफलता के हमारे प्रयास तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच जाते। भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, क्रोनी कैपिटलिज्म के साथ धनबल, सत्ता के दुरूपयोग और माफिया के खतरनाक गठजोड़ की वर्तमान राजनीति ने हमें अपनी राजनीति को सामाजिक न्याय और समानता की ओर ले जाने के लिए मजबूर कर दिया है।

एम.के. फैज़ी ने कहां कि हमारे देश भारत में कई प्रशंसनीय तथ्य और विशेषताएं हैं। भारत की विविध संस्कृति और सभ्यता, विशाल प्राकृतिक संसाधन, विचारों का खुलापन जैसी खूबियां हमारे देश का वो गौरव हैं जिनकी बदौलत भारत विकास के क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त कर सकता है। हालांकि, अक्षम और गलत राजनीतिक नेतृत्व के कारण आज हम विपरीत परिदृश्य देखने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि भारत को एक वैकल्पिक राजनीतिक दल की जरूरत है जो देश के कल्याण हेतु सकारात्मक और रचनात्मक बदलाव लाने के लिए लोगों की आवाज बन सके। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया देश को विकास और प्लुरलिस्म यानी बहुलवाद के रास्ते पर लाने के लिए इन विसंगतियों के खिलाफ लड़ने के लिए समर्पित है।

फैज़ी ने बताया कि देश भर में न्याय, अधिकार और विकास के लिए हमारे आंदोलन, संघर्ष और लामबंदी ने एस.डी.पी.आई. को बेहद लोकप्रिय बना दिया है। एस.डी.पी.आई. हमेशा सरकार की गलत और दुर्भावनापूर्ण नीतियों के खिलाफ और जन समस्याओं और कठिनाईयों के खिलाफ संघर्ष में सबसे आगे रही है। ‘सकारात्मक राजनीति’ के हमारे विजन ने देश के सीमांत अल्पसंख्यकों और कमजोर समुदायों के लोगों में राजनीतिक रूप से सशक्त बनने के लिए नई चेतना पैदा की है। एसडीपीआई मुसीबत के समय हमेशा लोगों की सेवा में सबसे आगे रहता है। कोविड-19 के दौरान हमारी निस्वार्थ और अद्वितीय मानवीय सेवा को सदा याद किया जाएगा। हम प्रण लेते है कि हम हमेशा जनता के सेवक रहेंगे और जनता की जरूरत और राजनीतिक संघर्ष में सबसे आगे नज़र आयेंगे। एस.डी.पी.आई. अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि हमें देश भर में विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर, पार्टनरशिप और संसाधनों वाली पार्टी बनाने की जरूरत है। एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.के. फैज़ी ने अंत में कहा कि पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर वे अपने कार्यकर्ताओं को याद दिलाना चाहते है कि अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूरी ताकत के साथ जुट जाएँ।