सूडान में सामूहिक हत्याओं और बाहरी दखल की एसडीपीआई ने निंदा की

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया सूडान के लोगों के साथ गहरी एकजुटता प्रकट करती है, एक ऐसा राष्ट्र जो सशस्त्र बलों (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच चले आ रहे भीषण गृहयुद्ध से असहनीय पीड़ा झेल रहा है। अप्रैल 2023 में शुरू हुआ सत्ता संघर्ष अब विश्व के सबसे गंभीर मानवीय संकटों में बदल चुका है, जिसने असंख्य निर्दोष जिंदगियाँ लील ली हैं और पूरे देश में समुदायों को तबाह कर दिया है। एल फाशेर और अन्य इलाकों से आ रही भयावह रिपोर्टें इस त्रासदी की गहराई को उजागर करती हैं। अमानवीय हिंसा, क्रूर यातना, सामूहिक हत्याएँ और व्यापक अत्याचारों ने कभी जीवंत रहे शहरों को कब्रिस्तान बना दिया है, जहाँ निर्दोष नागरिक इस निरर्थक संघर्ष के सबसे बड़े शिकार बन गए हैं।

दोनों ही संघर्षरत गुट इस तबाही के जिम्मेदार हैं। उनकी लगातार झड़पों ने सूडान को टुकड़ों में बाँट दिया है और उसे स्थायी निराशा में धकेल दिया है। चश्मदीद गवाह ड्रोन हमलों, भागती हुई परिवारों पर मशीनगनों की गोलीबारी और विस्थापन शिविरों में यौन हिंसा की भयावह कहानियाँ सुना रहे हैं, जो मानवता के लिए कलंक हैं। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया इस आपदा पर गहरी चिंता प्रकट करती है, जहाँ सूडान के समाज का तानाबाना उन्हीं के हाथों उधड़ रहा है जिनका कर्तव्य उसकी रक्षा करना था। हम हाल के सप्ताहों में मारे गए हजारों लोगों, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं, के प्रति गहरा शोक प्रकट करते हैं।

इस त्रासदी को और गहरा कर रहा है बाहरी शक्तियों का घातक हस्तक्षेप, जो शांति के लिए नहीं बल्कि सूडान के प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण के लिए इस युद्ध को हवा दे रहे हैं। सोने की खदानें और उपजाऊ जमीनें, जो समृद्धि का प्रतीक हो सकती थीं, अब भू-राजनीतिक लालच का मोहरा बन गई हैं। इन ताकतों द्वारा गुप्त रूप से हथियार, धन और साजोसामान की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय कानूनों और प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन है, जिससे यह संघर्ष लंबा खिंचता जा रहा है और सूडान की जनता इसकी कीमत अपने खून से चुका रही है।

विनाश की भयावहता अकल्पनीय है। एक करोड़ से अधिक लोग अपने घरों से बेघर होकर सुरक्षा की तलाश में खंडहरों और घेरेबंदी वाले इलाकों में भटक रहे हैं। लगभग दो करोड़ चालीस लाख लोग अब भुखमरी और प्यास के कगार पर हैं, जबकि भोजन और स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी आवश्यकताएँ भी हथियार बना दी गई हैं। घेराबंदी ने भूख को एक हथियार में बदल दिया है और हैजा जैसी बीमारियाँ मंडरा रही हैं।

यह अत्यावश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र और सूडान के पड़ोसी देश इस हत्याकांड को रोकने और तत्काल राहत पहुँचाने के लिए निर्णायक कदम उठाएँ। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील करते हैं कि वह कठोर हथियार प्रतिबंध लागू करे, अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में जवाबदेह ठहराए और मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए सुरक्षित मार्ग तत्काल स्थापित करे। पड़ोसी देश, मिस्र, सऊदी अरब और अफ्रीकी संघ को अपने प्रभाव का उपयोग मध्यस्थता प्रयासों में करते हुए तुरंत युद्धविराम कराने और भोजन, चिकित्सा सहायता तथा सुरक्षित निकासी के लिए संसाधन जुटाने में करना चाहिए। दुनिया अब दारफुर के इतिहास में एक और शर्मनाक अध्याय की गवाह नहीं बन सकती।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया वैश्विक समुदाय, विशेषकर भारत, से अपील करती है कि वे सूडान के लिए न्याय और मानवता की आवाज बुलंद करें। हमें अपने आक्रोश को संकल्प में बदलना होगा ताकि सूडान के साहसी और धैर्यवान लोग इतिहास के हाशिए पर नहीं बल्कि अपने पुनर्निर्माण के नायक बन सकें।

मोहम्मद शफी
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया