मध्यप्रदेश में दलित दंपत्ति पर क्रूर हमला नृशंस और अमानवीय – एसडीपीआई

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया – एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम के फ़ैज़ी ने मध्य प्रदेश के गुना जिले के जगतपुर चाक इलाके में दलित दंपत्ति पर क्रूर हमले को नृशंस और अमानवीय करार देते हुए करवाई के दौरान अधिकारों के दुरुपयोग और पुलिसिया बर्बरता की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है।

पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने दलित दंपत्ति की खड़ी फसल पर बुलडोजर चला दिया जिसका विरोध करने पर पुलिस ने दोनों को इस कदर बेरहमी से पीटा की उन्होंने परेशान होकर कीटनाशक पी लिया। जब दंपत्ति के परिजनों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें भी बुरी तरह मारा-पीटा। दलित दंपत्ति के बच्चे जब अपने माता-पिता को बचाने के लिए दौड़े तो पुलिस वालों ने उनके साथ गाली गलौज करके धक्का देकर भगा दिया।

राजस्व विभाग मॉडल साइंस कॉलेज के निर्माण के लिए आवंटित सरकारी जमीन को खाली कराने पहुंचा था जिस पर दलित परिवार लंबे समय से खेती कर रहा था। परिवार ने खड़ी फसल के कट जाने तक इंतजार करने का आग्रह किया पर पुलिस ने उनकी एक न सुनी। दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई करने की बजाय जिला प्रशासन दलित दंपति समेत 7 लोगों पर भारतीय दंड संहिता – आईपीसी की धारा 353, 141 और 309 में मुकदमा दर्ज कर रही है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा त्वरित हस्तक्षेप कर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की सराहना की है। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यह प्रशासनिक कार्रवाई एक छलावा नहीं होगी।

फैज़ी ने कहा कि चरमपंथी दक्षिणपंथी फासीवादी शासन में भारत एक ऐसा देश बन गया है जहां दबे कुचले, हाशिए पर पड़े कमजोर तबके और अल्पसंख्यकों को संवैधानिक अधिकार उपलब्ध नहीं हैं।

उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि इस घटना में पीड़ित परिवार को न्याय मिले और इस बर्बर घटना को अंजाम देने वाले पुलिस वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।