हरियाणा सरकार से निष्पक्ष जांच को पूरा करने उपयुक्त मुआवज़ा देन की मांग

नई दिल्ली: मोदी सरकार बनने के बाद सारे देश में सांप्रदायिक शक्तियों ने क़ानून को पूरी तरह ताक़ पर रखकर अपने हमले तेज़ कर दिए हैं। कहीं लव जिहाद तो कहीं गौरक्षा के नाम पर स्वंयभूू स्वंयसेवक दलितों और मुसलमानों को पूरे देश में अपनी हिंसा का शिकार बना रहे हैं साथ ही  उसके विडियों बना सोशल मीडिया पर भेजकर अपने जैसे दूसरे अपराधी पवृत्ति के लोंगों को उकसा रहे हैं। हरियाणा में सोहना ज़िले के तावडू कस्बे के पास डिंगरहेड़ी में 25 अगस्त की रात में एक बेहद खौफनाक घटना को अंजाम दिया गया। जिसमें एक पति और पत्नि इब्राहिम (40) व रसीदन(38) को बेरहमी से कत्ल करके उसी परिवार की दो बेटियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। चार झोपडियों में लगभग एक दर्जन लोगों को हिंसा का शिकार बनाया। मृतका समेत तीनों औरतों के हाथ नग्न अवस्था में पीठ पर बंधे हुए मिले तथा उनके शरीर पर बेशुमार ज़ख्म पाए गए। दोनों बच्चियों मंे एक की उम्र 13 साल तथा दूसरी की 19 साल बताई गई है। इसके अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों ज़फरू, परवेज़ तथा नवेद को भी बुरी तरह मारपीट कर ज़ख्मी किया गया जो अभी भी अस्पलाल में भर्ती है। पुलिस को रिपोर्ट तो लिखा दी गई परंतु बारह दिन गुज़र जाने के बाद भी दो मौतों के संबंध में धारा 302 को रिकार्ड में शामिल नहीं किया है। परिवार बेहद ग़रीब व अनपढ तथा दुसरे की ज़मीन पर खेती करके गुज़र-बसर करता है हालांकि चार लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है परन्तु घटना में भाग लेने वालों की संख्या ज़्यादा बताई गई है। क्षेत्र के सरपंच छोटे खान का कहना है कि यह घटना इलाक़े में दहशत फैलाने के उद्देश्य से बड़ी विभत्स तरीके से की गई है ताकि लोग डर जाए। शिकार बनाए गए परिवारों की कोई भी स्थानीय दुश्मनी नहीं है इसके पीछे कोई बड़ी साज़िश हो सकती है जिससे कि अल्पसंख्यकों मे डर का वातावरण पनप जाए।

SDPI delegation while the DM's visit at the victims' family

SDPI delegation while the DM’s visit at the victims’ family

Victims' father & brother

SDPI delegation with victims’s father Zahooruddin & brother Imran

एसडीपीआई के प्रतिनिधिमण्डल ने घटना की जांच पड़ताल करने के लिए तथा पीड़ित परिवारों को यथासंभव राहत मुहैया कराने के उद्देश्य से घटनास्थ्ल का दौरा किया। जिसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एड. शरफुद्दीन अहमद ने किया। परिवार के मुखिया जहुरूद्दीन तथा मृतक इब्राहिम के पुत्र मो. आमिर से सारे तथ्यों की जानकारी प्राप्त की तथा क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों से भी मुलाकात की। बारह दिन गुज़र जाने के बाद पहली बार एसडीपीआई के प्रतिनिधि मंडल की उपस्थिति में सरकार ने अपने एक मंत्री कृष्णपाल पंवार को घटनास्थल पर भेजा जिन्होनें इस बात की जानकारी दी कि घटना की जांच करने के लिए एडीजीपी अपराध श्री शक्तिजीत कपूर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया गया है तथा मुआवज़े के साथ तीनों परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी में रखें जाने का भी मंत्री जी ने जनता से एड. शरफुद्दीन के सामने वायदा किया। विदित हो कि इस घटना के विरूद्ध भारी रोष व्याप्त है। लगभग 84 गांवों के प्रतिनिधियों ने घटना स्थल पर एक महापंचायत करके पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति का प्रदर्शन किया है। हरियाणा के इतिहास में यह पहली ऐसी हृदय विदारक घटना बताई जा रही है परंतु मुख्यमंत्री द्वारा जनता से मूंह छिपाया जा रहा है। उन्होंने अबतक घटना स्थल पर जा कर पीड़ित परिवार से भेंट तक नहीं की है।

एसडीपीआई पूरे प्रकरण पर गहरी नज़र बनाए हुए है तथा पीड़ित परिवार की हर प्रकार से क़ानूनी मदद करने के लिए संकल्पबद्ध है। एसडीपीआई सरकार द्वारा ऐलान किये गए मुआवज़े की राशि से संतुष्ट नहीं हैं और उसकी मांग है कि स्व. इब्राहिम के 6 नाबालिग व यतीम बच्चों की परवरिश के लिए कम से कम 50 लाख रूपये का मुआवज़ा सरकार द्वारा दिया जाए। चार लोगों के अलावा आज़ाद घूम रहे गुनाहगार लोगों को तुरन्त गिरफ़्तार किया जाए तथा एसआईटी की कार्यवाही को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। एसडीपीआई की क्षेत्रीय जनता से यह अपील है कि अपनी सांप्रदायिक एकता और सद्भाव को बरक़रार रखते हुए अपराधियांे को सज़ा दिलाने में अपना पूरा सहयोग जारी रखे।